मोदी सर्कार क्यों दोषी है कुम्भ और रेल हादसों के लिए

New Delhi Rail Stampede

अपनी पूरी विवेचना शुरू करने से पहले आपको बता दें की आज भारत की जनता मोदी सर्कार और उसके समर्थकों से पूछना चाहती हैं कि,

मोदी सर्कार के कुप्रबंधन के वज़ह से क्यों बार बार रेल हादसों मे हज़ारो नागरिक हमारे भाई बहन बच्चे मारे जाते है?

क्यों मोदी सर्कार कई लाख करोड़ लगाकर बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद जेसी छोटी दूरी पर लगाना चाहती है पर मात्र इग्यारह हजार करोड़ जो कि कुछ भी नहीं होता सरकारी बजट में लगाकर पूरे देश में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम नहीं लगवाना चाहती पूरे देश की पटरियों पर जिससे रेल हादसे होना और लोगों की जान जाना बिल्कुल हो रुक सकती है?

क्यों नहीं अश्वनी वैष्णो जेसे रैल मंत्री को मंत्रालय से उठाकर सर्कार बाहर फेंकती है जिसकी खराब कार्यकाल की वज़ह कई बार नोन स्टॉप कई हजारओ लोगों की मौत हो गई कई बार रेल दुर्घटनाओं मे?

क्यों मोदी योगी सर्कार अपने वोट बैंक को पक्का करने के लिए झूट कहकर करोडों लोगों को प्रचार माध्यम से कुंभ मे बुलाते हैं और कहते हैं कि सर्कार ने करोडों लोगों के लिए वयवस्था बना रखी है जबकि कुम्भ मे हुए कुप्रबंधन हादसों की वज़ह कई सौ लोगों की मौत हो जाती है और मोदी योगी सर्कार के झूठे दावों का पर्दाफाश हो जाता है?

क्यों मोदी समर्थक नंगी आँखों से हो रहीं मौतें, कुप्रबंधन, गलत नीतियों को होते देख भी मोदी सर्कार के फैलाए झूठे राजनीतिक धर्म व्याख्या को धर्म समझ अंधे हो बैठें हैं?

क्या मोदी समर्थक देश के नागरिक नहीं, क्या उन्हें देश मे मोदी साह सर्कार के वज़ह होते हुए कु परिनाम दिखाई नहीं देते?

क्या मोदी समर्थकों को मालूम नहीं की प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री हो या कोई भी सरकारी मुलाज़िम हो, सब उनके सेवक मात्र होते हैं, और जनता अपने पेसे से इन मंत्रियों और सर्कार को चलाती है, ना की वो यानी कि प्रधान मंत्री, मुख्यमंत्री या सरकारी अधिकारी अपने पेसे से देश या जनता को चलाता है, तो केसे मोदी समर्थक जो कि देश के नागरिक और मालिक है वो अपने ही लगाए हुए नौकरों को अपना मालिक समझ बैठे हैं और भगवान के समान पूजने लगे हैं?

जवाब तो मोदी सर्कार और उसके समर्थकों को देना होगा,

देखिए निर्दोष लोगों की मृत्यु बोहोत दुःख की बात होती है, कुंभ मेले के दौरान नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने एक बार फिर मोदी सरकार के बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन को उजागर किया है। साथी नागरिकों और इस देश के जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, इस मुद्दे को सीधे संबोधित करने और हमारे चुने हुए नेताओं से जवाबदेही की मांग करने का समय आ गया है। कुंभ मेला, एक हिंदू त्योहार है जो देश भर से करोडों भक्तों को आकर्षित करता है। हालांकि, कुंभ मेले के अवसर पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई दुखद घटनाओं ने इस शुभ अवसर पर एक दाग छोड़ दिया है और जिन लोगों के घरों के लोग मरे है उन्हें तो मोदी सर्कार मे हुई ईन कुम्भ मेले में हुई त्रासदियां सदा रुलाते रहेगी । रिपोर्टों के अनुसार, भीड़ को नियंत्रित करने के उचित उपायों की कमी और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के कारण भगदड़ हुई। स्टेशन पर भीड़भाड़ थी, जिससे उन भक्तों के बीच अफरा-तफरी और भ्रम की स्थिति पैदा हो गई जो अपनी ट्रेनों में सवार होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। स्थिति के कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। यह घटना कोई अकेली घटना नहीं है। वास्तव में, यह बड़े पैमाने पर होने वाले आयोजनों को संभालने के मामले में मोदी सरकार के समग्र कुप्रबंधन को दर्शाता है।  सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों में नियोजन और तैयारी की कमी एक आवर्ती विषय है। कुंभ मेला एक विशाल आयोजन है, और इसमें भाग लेने वालों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। तथ्य यह है कि कुम्भ के दोरान कई बार ऐसी त्रासदी हुई जो पिछले कई दशकों मे नहीं हुई , यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार संभावित जोखिमों का अनुमान लगाने और उन्हें संबोधित करने में विफल रही है। इसके अलावा, मोदी सरकार के तहत रेलवे का कुप्रबंधन एक लंबे समय से चली आ रही समस्या रही है। बार-बार ट्रेन के विलंबित और रद्द होने से लेकर रेलवे के बुनियादी ढांचे के रखरखाव और आधुनिकीकरण की कमी तक, सरकार परिवहन के इस महत्वपूर्ण साधन को प्राथमिकता देने में विफल रही है। यह समझना आवश्यक है कि कुप्रबंधन के परिणाम केवल असुविधाओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इससे जान का नुकसान भी हो सकता है, जैसा कि हाल ही में हुई भगदड़ में देखा गया। सरकार को यह समझना चाहिए कि अपने नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है, और उनकी ओर से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस त्रासदी के बाद, सरकार की प्रतिक्रिया कम से कम कहने के लिए निराशाजनक रही है।  भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदारी लेने और उपाय शुरू करने के बजाय, दोषारोपण का खेल शुरू हो गया है। यह सरकार की जवाबदेही की कमी और अपने नागरिकों के प्रति चिंता की कमी का स्पष्ट संकेत है। निष्कर्ष रूप में, मोदी सरकार का कुप्रबंधन कुंभ मेले के दौरान नई दिल्ली रेलवे भगदड़ का मूल कारण है। अब समय आ गया है कि हम, नागरिकों के रूप में, जवाबदेही की मांग करें और मांग करें कि सरकार भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए। लोगों की सुरक्षा और भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए, और किसी भी तरह के कुप्रबंधन को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। अब समय आ गया है कि सरकार आगे आए और अपने लोगों के प्रति अपना कर्तव्य निभाए। लेकिन हमारी दृष्टि के अनुसर मोदी सर्कार की गलत नीतियों और कुप्रबंधन को भारत के गरीब या अमीर कोई भी नागरिक हो अब बिल्कुल पसंद नहीं करते इसलिए चुनावी धांधली कर मोदी सर्कार भारत मे अपने पेर भले ही फैलती रहे लकिन जनता का भरोसा अब इस सर्कार से बिल्कुल उठ गया है

Team Digital Media, India,

Voice Of The People International,

 

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