साल 2014 मोदी के करिश्माई जीत के बावजूद कांग्रेस ने पिछले कई वर्षों में कई राज्यों में राहुल गांधी के नेतृत्व में धुंआधार चुनाव जीते और मजबूत टक्कर दी जैसे मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पुड्डुचेरी, गोवा, पूर्वोत्तर राज्यों, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, गुजरात इत्यादि, हाँ यह इसके बाद जरूर देखने को मिला की भारतीय जनता पार्टी ने कुछ राज्यों मे तथा कथित विधायकों को खरीद फरोख्त कर अपनी सर्कार बनवा लीं, तो इससे यह साफ होता है की मोदी के छल्लेदार भाषणों के बावजूद जनता का रुख विस्वास कांग्रेस मे कुछ कम नहीं हुआ है
इसी तरह पिछले कई सालों में यह भी देखने को मिला की कई नामचीन कांग्रेसी लीडर जो ज्यादातर कांग्रेस की केन्द सर्कार मे मंत्री संसद हुआ करते थे वो कांग्रेस को छोड़कर भी बीजेपी मे शामिल हुए जिन्हें कांग्रेस दग़ाबाज़ समझती है, लेकिन साथ ही यह कहना भी गलत नहीं होगा की ज्यादातर लोग जो भी कांग्रेस छोडकर गए उन्हें नाम पहचान पद प्रतिष्ठा सब कांग्रेस से ही मिली थी ना की उन्होंने कोई नयी दिशा दिखाई हो कांग्रेस को, और अब जब दिशा देने का समय आया तब वो लोग अपने अपने रास्ते निकल लिए l
अतः इससे यह स्पष्ट होता है की कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व में जनता का सहयोग प्राप्त हो रहा है बल्कि कांग्रेस की कमजोर कड़ियां कांग्रेस छोडकर जानेवाले के रूप में बाहर निकल रही है जिससे अब कांग्रेस अब अंदर और दिशा गति रूप से और ज्यादा मजबूत हो रहीं है
भारत चुकीं कश्मीर से कन्याकुमारी तक और राजस्थान से पूर्वोत्तर बंगाल तक इतना बड़ा और भिन्न है की इसमे जब तक कांग्रेस और प्रांतीय धर्मनिरपेक्ष पार्टियां मजबूत होकर मिलीजुली सर्कार केंद्र और राज्यों में ना बना ले तब तक भारत का लोकतंत्र मजबूत हो ही नहीं सकता
Chaman Singh
Reporter Volunteer
Voice of The People International, New Delhi
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