राजस्थान मे वाहनों पर बैन असंवैधानिक है

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राजस्थान की भाजपा सर्कार द्वारा दिल्ली की तर्ज पर पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों की एंट्री एवं उपयोग पर लगाया गया बैन ईन कारणों से असंवैधानिक है

1. परिवहन विभाग 15 साल का रोड टैक्स वाहनों से पहले ही एडवांस्ड मे वसूल कर चुका है गाड़ी खरीदते समय ही, अब वो सिर्फ 10 साल पुराने वाहनों को रोड पर चलने से कानूनन केसे मना कर सकता है? क्या राजस्थान सर्कार बाकी बचा 5 साल का रोड टैक्स जनता को वापस करेगी? अगर नहीं तो मात्र 10 साल चले डीजल वाहनों को रोड पर चलने से परिवहन विभाग केसे मना कर सकता है जब उसने 15 बर्षों का रोड टैक्स पहले ही वसूल कर रखा है?

2. सर्कार का यह कदम जनता पर थोपने से पहले सर्कार को और परिवहन विभाग को पहले अपने गिरेबान मे झाँक कर देखना चाहिए था जहा अब भी सर्कार एवं परिवहन विभाग के अंतर्गत चलने वालीं बसे और वाहनों की हालत खस्ता है जर्जर है, जबकि प्राइवेट वाहनों की हालत और रखरखाव तो सरकारी वाहनों से बहोत बेहतर होती है

3. भारत जेसे गरीब देश में वाहनों की कीमत एक बहोत बड़ी रकम मानी जाती है, अचानक 10-15 साल पुराने अच्छे कंडीशन के प्राइवेट वाहन बैन कर देना देश की गरीब जनता के साथ क्या भाजपा की राजस्थान सर्कार का घिनौना मजाक नहीं है?

क्या गाड़ियों की फिटनेस चेक नहीं करी जानी चाहिए थी सर्कार द्वारा अचानक मुह उठाकर बैन लगाने से पहले? अब जो गरीब ड्राइवर अपने परिवारों का भरण पोषण करते थे वो अब केसे खाए कमायेगे?

4. सर्कार को अगर इतनी ही प्रदूषण की चिंता है तो क्या पुरानी गाड़ियां जो फिटनेस पास नहीं कर सकती थी उनमे CNG लगा कर प्रदूषण कम नहीं किया जा सकता था ?

तो कुलमिलाकर बात यह है कि सरकारों की गैरकानूनी असामाजिक फैसले से सर्कार की कार कम्पनियों निर्माताओं के साथ मिली भगत की बु आती है जिससे कार कंपनियों की बिक्री बढ़ सके क्योंकि अगर प्रदूषण ही मुद्दा होता तो पहले ये सरकारे अपनी सरकारी वाहनों को दुरुस्त कर लेती तथा CNG लगा कर भी प्रदूषण कम किया जा सकता है, लेकिन ईन सरकारों की वाहन कम्पनियों के साथ साठगांठ कुछ और बातें ही बयान कर रहीं है |

चमन सिंह

Media Volunteer – Rajasthan

Voice of the People

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