RSS केसे असंवैधानिक है?
भारत में किसी भी संगठन को कानूनन वैध होने और कानूनन कार्य करने के लिए उसे पंजीकृत या रजिस्टर होना अनिवार्य है, चाहे वह छोटी सी दुकान या फिर किसी भी तरह की कम्पनिया, कार्यालय, समाज सेवा या राजनीतिक संस्था इत्यादि कुछ भी हो, इसी कारण किसी भी स्वयंसेवक संस्था या एनजीओ को समाज मे कानूनन कार्य करने के लिए किसी भी राज्य के चैरिटी कमिश्नर कार्यालय मे पंजीकृत रजिस्टर होना अनिवार्य है, अब आपको जानकर हैरानी होगी की अपने आप को सामाजिक सेवा संस्था बताने वाली RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) जिसका प्रधान कार्यालय नागपुर महाराष्ट्र मे है, लेकिन यह नागपुर चैरिटी कमिश्नर कार्यालय के अंतर्गत पंजीकृत ही नहीं है, यह जानकारी RTI के अंतर्गत नागपुर के ही एडवोकेट मोहनिश जबलपुरे को प्राप्त हुई है l क्यों हुई हैरानी?
RSS की आम रास्तो पर परेड क्या असंवैधानिक है? देखिए भारत मे कही भी संस्था या संगठन द्वारा आंदोलन, सामाजिक कार्यक्रम या परेड निकलने से पहले कानूनन रूप से उस संस्था या संगठन को अपने पंजीकृत नंबर के साथ राज्य पुलिस से आवेदन कर स्वीकृति लेनी होती है, चुकीं RSS पंजीकृत हे ही नहीं तो पंजीकृत नंबर भी हे नहीं, तो ना ये RSS के नाम से आवेदन कर सकती है, और जब कोई लिखित आवेदन ही प्राप्त ना हो तो पुलिस प्रशासन स्वीकृति दे भी तो किसे? इसलिए RSS के ये परेड वगैरह सब कार्य कानूनन अवेध होते है, फ़िर हुई हैरानी?
क्या RSS की जो शाखा लगती है वो कानूनन अवेध है? जी हाँ वो भी कानूनन अवेध है, आम जगहों पब्लिक प्लेस, खेल के मैदान, पार्क इत्यादि मे 5 लोगों से ज्यादा की जमगाँठ एक बार से अधिक या प्रतिदिन लगे तो वह भारत मे कानूनन अवेध है, इसलिए RSS जो प्रतिदिन आम जगहों पार्क इत्यादि मे शाखा लगाती है वो भी बिल्कुल अवेध है, जी हाँ आपके आसपास के पार्क मे RSS की रोज लगने वाली शाखाएं अवेध है |हैरानी नंबर 3
यहा तक की RSS ने जो नागपुर स्तिथि अपने नाम से कार्यालय बना रखा है वो भी अवेध है, क्योंकि जब तक कोई संस्था/संगठन पंजीकृत नहीं होता, तो कानूनन उसे उस नाम से कार्यालय खोलने की कानूनन अनुमती बिल्कुल नहीं है, इसलिए RSS का नागपुर स्तिथि कार्यालय या भारत में कहीं भी कार्यालय कानूनन अवेध असंवैधानिक है | हैरानी नंबर 4
यहा तक की इसका ट्विटर – ट्विटर हैंडल पर RSSORG लिखना तक अवेध है क्योंकि org. का हिन्दी अनुवाद है संगठन या संस्था और संस्था संघठन कानूनन जन्म तभी लेते है या अस्तित्व मे तब ही आते हैं जब ये पंजीकृत या रजिस्टर होते है, चुकी RSS पंजीकृत ही नहीं तो इसका अपने आप को org. लिखना तक अवेध है | हैरानी नंबर 6
अंत में, बात यह है कि भारत जेसे देश में ही RSS जेसी एक कानूनन असंवैधानिक संस्था खुलेआम धड़ल्ले से चल रही है, यूरोप अमरिका जेसे देशों में तो ऐसी असंवैधानिक संस्था को 1 दिन मे ताले लगना तय है जो देश के कानून के अनुसार ना चले |
देखिए भारत मे भी कानून के अंतर्गत चलने वाली राज्य सरकारे, कानून की पालना करते हुए RSS की शाखाओं और इसके किए जाने वाले कानूनन अवेध असंवैधानिक कार्यो /कार्यालयों को बैन कर कानून प्रणाली को मजबूत सिद्ध करे तो भारत मे कानून बचेगा, भाजपा की राज्य सरकारे तो अपने माइ बाप RSS पर तो ताला लगाएगी नहीं लेकिन कानून को मानने वाली अन्य राजनीतिक पार्टियों की भी तो राज्य सरकारे हे, वो कानून को लागू क्यों नहीं कराती और अब नहीं तो कब कराएंगी? ये भी तो सबसे बड़ी हैरानी है |
यश सिंह
राजनीतिक- न्यायिक विश्लेषक-अर्थशास्त्री
ट्वीट @YashSinghINC
- Political